सोमवार, 20 जून 2011

जान तुम कहाँ हो

 जान  तुम  कहाँ  हो  आके  मेरे  हालत  तो  देखो 
तेरे  याद  मे  हर  पल  जिता  हु  हर  पल  मरता  हु
कुछ  तो  सोचो  अगर  सच्    मे  तुम  प्यार  करती  हो  तो
मेरे  ख्वाबो  मे  तुम  भी  कभी  दूब  के  देखो 
तुम  को  मै  हि  नजर  आऊंगा  झुठ  लगे  तो  आजमाके  देखो


कमलेश कुमार



शनिवार, 18 जून 2011

लटका है मेरी जान

एक तिर दो शिकार एक भगवान दो अवतारएक लड्की  दो यार  दो दिल एक प्यार 
दो शरीर  एक जान  एक जान दो सम्मान दो सम्मान एक महफिल एक महफिल 
धेर सारे इन्सान उसी के बीच मे मेरी जान जान के नजर मे है बहुत सारे मेहमान 
मगर कोइ नही जनता छत पे लटका है मेरी जान 




कमलेश कुमार

सिगरेट पिना गलत है या सहि

सिगरेट के डब्बे मे लीखा है कि सेहत के लिए खराबी है 
तो सिगरेट पे क्यु नही 
हम सिगरेट पिया करते है सिगरेट कि डब्बे तो नही 
अगर सब सिगरेट पिना छोड दे तो कितने लोग भुख के मारे मर जाएगा  
तो अब आप लोग बताउ यारो सिगरेट पिना गलत है या सहि 



कमलेश कुमार


मै जब भी याद करता हु उसे ये आँख भर आते है

मै जब भी याद करता हु उसे ये आँख भर आते है
दिल से निकाल्ने कि कोसिश करु तो दिल नाकाम हो होजता है 
था कभी मेरे ख्वाबो कि रानी वो 
मगर बदकिस्मत अब वो किशी औरो का सेज सजाती है 




कमलेश कुमार

उसकी यादो के सहारे जिया करता हु

सप्नो  मे खोया रहता हु तेरी बाते लोगो से किया करता हु 
कब् मिलोगी मुझे खुदा हि जाने हर घरि हर पल इंत्जार करता हु 
ये मेरे खुदा मेरे पता उसे देदेना 
मै तो उसकी यादो के सहारे जिया करता हु 



कमलेश सर्मिस्ता

दिल होता है फुलो सा नाजुक जब उसे प्यार है

दिल होता है फुलो सा नाजुक जब उसे प्यार है 
दिल समुंदर कि पानी कि तरह लहराते है जब किशी का इंत्जार  है 
जब वो मिल्जाये तो खिल उठ्ता है गुलाब के जैसा
अगर वोही दिल तोड के चाला जाए तो जिना बेकार है 




कमलेश कुमार

जिन्दगि से नफरत है मौत से प्यार है

जिन्दगि से नफरत है मौत से प्यार है 
पाने के लिए कुछ बाचा हि नही तो खोजना बेकार है 
मन्जिल मालूम न हो तो चाल्ना बेकार है 
जो दिल तोरके चाला जाए उसे याद कर्ना बेकार है 


कमलेश कुमार


कुछ मान्गो जमाने मे तो नही देगा

कुछ मान्गो  जमाने मे तो नही देगा
 कुछ दो तो गरिब  से पहले अमिर आएगा 
अमिर बस कहने के लिए है ये लोग यारो 
आँख से पर्दा हटाकर देखो तो भिखारी जैसा नंगा नजर आएगा
कमलेश कुमार

प्यार करना जितना आसान है

प्यार करना जितना आसान है उतना हि मुस्किल है निभाना
ये बात सब नही जानते  है बस जनता है हर परवाना 
हम प्यार को खुदा क दर्जा देते है गाली देता है ये जमाना 
अरे वो बेरहम दिल दुनिया बालो एक बार प्यार के नदिया मे 
दुब्की लगा के देखो खुदा कि कसम तु भी हो जाएगा दिवाना 


कमलेश कुमार

dil torna tha to pyar kyu kiya

dil torna tha to pyar kyu kiya
door jana tha to pash kyu aya
ab bhul jawo mujhe mere pash koi dil nahi
aane ka man tha hi to mujhe jinda jalaya kyu tha






kamlesh kumar

आसमान से बुन्द गिरि जम्मी पे आके फुट गया

आसमान से बुन्द गिरि जम्मी पे आके फुट गया 
बच्च्पन मे प्यार किया जवानी मे आके छुट गया 
फिर भी कुछ दिनो मे मै अपने दिल को समेट लिया था
जब तुम आई मेरी जिन्दगि मे तो मेरा दिल लुट गया
कमलेश कुमार

प्यार हर आदमी को नशिब से मिलता है

दिल के आगे किशी का बस नही चलता है 
खुदा के आगे किशी का फर्यद नही चलता है 
हम लोग तो मिटि के कत्पुतले है हमे क्या मालुम 
प्यार हर आदमी को नशिब से मिलता है 




कमलेश कुमार

शुक्रवार, 17 जून 2011

मेरो मुटु

खरानी  भए  मेरो  मुटु तिम्रो कारण ले गर्दा 
अरु को अगाडी हिड्छौ मा सिट किन पर्दा 
ठिकै छ तिमि त पन्छी भए उर्छौ 
मेरो माया मेरो शरीर मेरो आत्मा पनि तिम्रो समू राख्दा  

निस्ठुरी

djkumar
मेरो भावना सित  किन खेल्यौ तिमि 
मेरो मुटु लाई किन तोरयौ तिमि  
मेरो माया मा के कमि थियो र 
कि यसरी निस्ठुरी भयौ तिमि



कमलेश कुमार



माया को बन्धन

चोखो माया को बन्धन कहिले टुट्ने छैन 
तिम्रो मेरो बीच मा त्यो अतित कहिले आउने छैन 
दिन्छु तिमि लाई मा आफ्नो चोखो माया सधै भरि 
जुन पहेरो ले बग्ने र खुकुरी ले काट्ने छैन

सोमवार, 13 जून 2011

गजल

देख्ता हु बडा ख्वाब पुरा होगा या नही मालूम नही
सोचता हु उसे दिन रात वो मिलेगी या नही मालूम नही 
मेरे खुदा मुझपर थोरा सा दुवा कर्दे 
कसम से इस दुनिया मे तुमको मेरे से ज्यादा कोइ पुजेगा नही
देख्ता हु बडा ...................................
आज रात मे आई थि वो मेरे सपनो  मे 
कुछ बात हुई  थि मेरे अप्नो मे 
वो बहुत खुश नजर आरहि थि कि मै भी रमाने लगा 
उसकी खुशी मे लेकिन खुश  क्यु था मालूम नही 
देख्ता हु बडा .........................
जब पहली बार देखा तो लगि कि कोइ परि है  
रात को देखा तो लगा कि कोइ फुलो कि झरी है 
अब मै उन्से दूर नही रह सक्ता वोही मेरी जिने कि लरी है 
कब् वो आएगी मेरी जिन्दगि मे मालूम नही 
देख्ता हु बडा ख्वाब ...........................................
उसका निशा धुनध्ता हु आज भी रेत् पे 
उसका पता पुछता हु आते जाते लोगो से हर भेट मे 
मगर कोइ न जाने वो रहती कहाँ अब किस्से पुछु मालूम नही,.......
देख्ता हु बडा ख्वाब पुरा होगा या नही मालूम नही
सोचता हु उसे दिन रात वो मिलेगी या नही मालूम नही 

शनिवार, 11 जून 2011

जिस सराब मे नसा नाहो वो सराब है बेकार

जिस  सराब  मे  नसा नाहो  वो  सराब  है  बेकार 
जिश  फुल  मे  खुश्बु  नाहो  वो  फुल  है  बेकार
जिस  पेर  मे  हर्याली  ना हो  वो  पेर  है  बेकार
जिसके  जिन्दगी मे  प्यार  ना  हो  वो  जिन्दगी  है  है  बेकार 




कमलेश  कुमार 

लिखने के लिए पेन चाहिए

लिखने के लिए पेन चाहिए हस्ने के लिए खुशी चाहिए 
जिन्दा रहने के लिए खाना चाहिए पिने के लिए पानी चाहिए 
चल्ने के लिए पैर चाहिए देख्ने के लिए आँख चाहिए 
इशी तरह मोहब्बत करने के लिए एक लड्की  चाहिए 



कमलेश कुमार

कापी कलम पेन से जी नही भरता अब मुझे.....................

कापी कलम  पेन से जी नही भरता अब मुझे
तुझ्को बददुवा दु ये मन कहता है अब मुझे 
मगर दिल कि हर धड्कन कहता है कैसे बददुवा दु 
तेरी याद हि तो हरवक्त जिने कि राह दिखाता है मुझे 



कमलेश कुमार
 

सराब पिता हु आसु निकल कर बहर आ जाता है ..............................

सराब पिता हु आसु निकल कर बहर आ जाता है 
सिगरेट पिता हु क्युकी तेरी याद धुये के साथ तेरी याद निकल जाता है 
गाजा पिता हु क्युकी धुन्ध्ला सा तेरा चेहरा नजर आता है 
सच् बोलु तो बिना नसे का तेरी याद बहुत तरपाती  है  



कमलेश कुमार 

ए शायरी कविता और कथा..........................................

ए शायरी कविता और कथा मेरी जिन्दगि का मकसद है  
मै पहले बिजी होता था तेरे प्यार मे अभि तो फुर्सत हि फुर्सत है
तुम बाहर मत निक्लना अपने घर से घर मे हि बैथी रहना
क्युकी अब तो ए दुनिया बाले भी तुम्से नफरत करते है





कमलेश कुमार हाल को सहर साउदी अरब

तुम नही आती हो कया हुवा ............................

 तुम नही आती हो कया हुवा  तेरा ख्वाब हर रोज आता  है 
तुम गई तो क्या हुवा मै तुम्हे क्या बोलु तुम पे मुझे तर्स आता है 
अब भुल जाऊंगा  तुझे   तेरे प्यार मुझे बहुत सताता है 
मेरे दिल क फुल नही खिला तो क्या हुवा तेरे दिल क फुल तो हर रोज खिल जता है 



कमलेश कुमार हाल को सहर साउदी अरब

about life.....................

love is life life is wife
wife is night night is fight fight  is  children
children is problam so
be care full friend





kamlesh kumar

सोचा है तुमको अपना दुल्हन बनाऊंगा..........................

सोचा है तुमको अपना दुल्हन बनाऊंगा
तेरी डोली मै अपने घर लेके जाऊंगा 
तेरे मांग अपने हठो से सजाऊंगा
तेरे नाज नखरे को सर पे  उठाऊंगा 
तुम मन जाऊ तो खुद कशम दुनिया से छिन के लेजाऊंगा 
तुम बस ना मत कहना वोरना तेरा ये दिवाना जिते जी मर जाएगा 


कमलेश कुमार हाल को सहर साउदी अरब


खत लिखता हु खुन से स्याही मत सम्झना

खत लिखता हु खुन से स्याही मत सम्झना 
मै तुम्से बोल नही पाता तो अनारी मत सम्झना 
बस उस्दीन का इन्तजार करो जब मै और तुम मिलोगी 
अगर नसिब मे नही लिखा मिल्ने को  तो मुझे पागल दिवाना मत सम्झना 



कमलेश कुमार हाल को सहर साउदी अरब

यारो मुझे दाफ्नौ उहा पे जहाँ पे..........................

यारो मुझे दाफ्नौ उहा पे जहाँ पे किशी का आना जना ना हो 
मेरी अस्थिया बगाना उहा पे जहाँ पे किस्ती का ठीकाना ना हो 
उसको संदेश मत देन मेरे मौत का वोरना वो रो परेगि
यारो सब मिल्के दुवा करो कि मेरे जैसा कोइ पागल दिवाना न हो 



कमलेश कुमार हाल को सहर साउदी अरब

प्यार करो मगर किशी का दिल न तोडो ........................

प्यार करो मगर किशी का दिल न तोडो बहुत दर्द होता है 
दिल मे झाक्कर देखो तो स्वोर्ग स सुन्दर घर होता है 
जब दिल तोरके कोइ जाती है तो 
वोही घर दर्द भरा जीन्द लासो का काब्र बन जता है  




कमलेश कुमार 

मै सराबी नही था सराबी बनाया तुमने .......................

मै सराबी नही था सराबी बनाया तुमने 
मै कभी रोता नही था मुझे रुलाया तुमने 
मै अकेला खुश था प्यार करना सिखाया तुमने 
शोचा आराम से सो जाउ  तो कब्र मे उठाय तुमने 





कमलेश कुमार  हाल को सहर साउदी अरब

शुक्रवार, 10 जून 2011

तुम न जना कभी मुझे छोड के .....................................

दिल के आयेने तुझ्को छूपा लिया 
सब कुछ भुला के तेरे पास आग्या
तुम न जना कभी मुझे छोड के 
तेरे खातिर इस दुनिया से लर जुँगा 







कमलेश कुमार

मंगलवार, 7 जून 2011

पत्थर बना दिया मुझे रोने नही दिया ............गज

djkumar
 पत्थर बना दिया मुझे रोने नही दिया
दामन भी तेरे गम मे दामन भी तेरे गम मेभिगोने नही diya
पत्थर बना दिया...........
मैने तो तेरे प्यार को गले से लगा लिया
मगर तुम वो बेवफा मगर तुम वो बेवफा सब कुछ भूल दिया
पत्थर बना दिया......................................
सोचा था मैने क्या  .क्या से क्या हुवा
पलभर तुम्हारे प्यार ने पल भर तुम्हारे प्यार ने जिने नही दिया
पत्थर बना दिया........................................
याद करता हु जब तुम्हे  याद करता हु जब तुम्हे
मुस्कुराने    नही दिया
पत्थर बना दिया.......................................

 

सोमवार, 6 जून 2011

pyar

p------       pyar me

y..........      ye log

a..........     aise

r............    rote kyu hai 

यो मेरो मन .......

मेरो मुटु मेरो मन मेरो इज्जत मेरो धन 
मेरो बगिचा मेरो वन मेरो सरिर मेरो तनमन 
मेरो घर मेरो आँगन कहिले टुट्ने छैन यो चोखो बन्धन 
मेरो खुशी तिम्रो लागि तिम्रो दुख मेरो लागि 
तिमि लै शम्भालेर राख्ने छ यो मेरो मन यो मेरो मन .......





(कमलेश कुमार )

शनिवार, 4 जून 2011

यो माया के हो................................

djkumar
यो माया के हो जब माया आफु बाट  टाढा हुदा किन मुटु जल्छ 
किन उस्कै सम्झना आइरहन्छ एकान्त मा किन रुन मन लाग्छ 
जब उ साथ मा हुन्छ के के कुरा हरु गर्छ र सोच्छ उनी गए पछी किन त्यो कुरा बिर्सिन गार्हो हुन्छ 
हो माया सबै ले गरे का छन् तर एसको अर्थ कसै कसै लाई मात्र थाहा छ
जसलाई एसको अर्थ थाहा छ उ कैले पनि माया मा धोखा दिदैन
जसलाई थाहा छैन उले नै दिन्छ यो त सबै लाई थाहा छ फेरी माया को अर्थ थाहा छैन भने किन उनि माया गर्छ  
मैले गरे को माया साचो माया माया भने सब्द धेरै नै नयानो छ तर मुटु भाच्ने लाई उख जस्तै छ भाच्नु र तेस्को रस खानु बराबर जब रस सिधिन्छ उलाई फाल दिन्छ जसले बुझ्छ उ बारी मा गएर माटो मुनि गार दिन्छ कि फेरी यो जन्मिन पओस भनेर 
माया  माया माया माया को नाम कैले मिटने छैन युग देखि युग सम्म यो चली रहन्छ
मेरो माया पनि कैले मर्ने छैन जब सम्म यो छाती मा जान छ त्यो मलाई छोडेर गए भने के भो त म त छोडे छैन
म जोगाएर राख्ने छु जीवन भरि
मेरी माया मेरी माया तिमि कहाँ गयौ मलाई छोडेर यो जिन्दगि को दो बाटो मा हेर त मा आज पनि उति नै माया गर्छु जति पहिला गर्थे ..........................

बुधवार, 1 जून 2011

मेरो माया सधै तिम्रै लागि............

djkumar
मेरो माया सधै तिम्रै  लागि मेरो छाया सधै तिम्रै लागि
तिम्रो दुख जति मेरो लागि मेरो खुशी जति तिम्रै लागि
मरु भने नरक मेरो लागि स्वोर्ग त तिम्रै लागि
तिम्रो मन मा फुल्ने माया कसको लागि मेरो मन मा फुल्ने माया त तिम्रै लागि